कैसे जाने की डिलीवरी नॉर्मल होगी या सी सेक्शन -how to know delivery will be normal or c section in hindi jane sahi tarika new

Parul Devi
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 कैसे जाने की डिलीवरी नॉर्मल होगी या सी सेक्शन -how to know delivery will be normal or c section in hindi

जब महिला को कैसे जाने की डिलीवरी नॉर्मल होगी या सी सेक्शन -the most effective method to realize conveyance will be typical or c area in h अपनी प्रेगनेंसी का पता चलता है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. वे अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखने लगती है, अपने आप खान-पान से लेकर, उसने बैठने के तरीके तक पर ध्यान देने लगती है. नहीं सबके बीच जब वह डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाती है, तू उसके मन में सबसे पहला सवाल आता है कि उनकी गर्भ वस्था स्वस्थ है या नहीं सिजेरियन. यह सवाल गर्भवती के मन में आ रहा स्वाभाविक भी है.


आज इस लेख के जरिए हम उन लक्षणों के बारे में बात करेंगे करेंगे जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिलीवरी नॉरमल होगी या सी सेक्शन


1. नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण


2. सी सेक्शन होने के लक्षण


3 नॉर्मल डिलीवरी के टिप्स


4 सारांश


नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण


सबसे पहले हम जानते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी होने के क्या क्या लक्षण हो सकते हैं. इन कारणों के बारे में नीचे बताया गया है-


. वैसे तो गर्भावस्था में पेशाब जाने की ज्यादा जरूरत महसूस होती है, क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु का दबाव गॉलब्लैडर पर पड़ने लगता है. इस दौरान मल त्याग करने की भी जरूरत महसूस हो सकती है.


. बार-बार पेशाब आने के अलावा कमर दर्द होना भी नॉर्मल डिलीवरी का एक लक्षण हो सकता है. जैसे-जैसे डिलीवरी की डेट नजदीक आएगी कमर का दर्द भी बढ़ता शुरू हो जाएगा


 खासतौर से कमर के नीचे से मैं यह दर्द बढ़ने लगेगा, इसके अलावा गर्भवती महिला को संकुचन भी महसूस हो सकता है.


. अगर गर्भावस्था के 4 हफ्ते में पेट के नीचे टेंडल्या दर्द महसूस होता है, तो यह लक्षण भी नॉर्मल डिलीवरी का हो सकता है.


. अगर  गर्भावस्था के 4 हफ्ते में पेट के नीचे धनिया दर्द महसूस होता है, तो यह लक्षण भी नॉर्मल डिलीवरी का हो सकता है.


.  अगर गर्भ में बच्चे का वजन 4 किलो से कम होता है, तू भी नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है.


. स्वस्थ गर्भावस्था भी नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना को बढ़ा सकती है.


. प्रेगनेंसी के अंतिम दिनों में एमनियोटिक फ्रूट की थैली का फटना भी इसका एक लक्षण हैI


. योनि से म्यूकस प्लग का निकलना भी नॉर्मल डिलीवरी की ओर संकेत होता है, ऐसी शिशु के सिर से योनि पर दबाव पड़ने के कारण होता हैI


 सी सेक्शन होने के लक्षण


 ऊपर हमने नॉर्मल डिलीवरी होने के लक्षण बताएं, अब आ बारी आती है सी सेक्शन के लक्षण जानने की. जहां हम स्पष्ट कर रहे हैं कर देंगे कि गर्भावस्था के समय या डिलीवरी के समय किसी प्रकार की जटिलता आने पर भी डॉक्टर सी सेक्शन का विकल्प चुनते हैं. आइए परिस्थितियों के बारे में विस्तार से जानते हैंI


. अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान गर्भ में शिशु के  गलत पोजीशन में होने व उसकी जटिलता के आधार पर डॉ सी सेक्शन का निर्णय ले सकते हैं.


. अगर प्रेगनेंसी में किसी तरह की कंप्लीकेसन  हो, जिसमें मां और होने वाले शिशु के जीवन को खतरा हो, तो c-area होने की आशंका बढ़ सकती है.


. प्रेगनेंसी का ड्यू डेट से आगे निकल जाना भी c-area की आशंका को बढ़ा सकता है.


. अगर महिला खुद से सी सेक्शन में निर्णय लेती है तो डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी कर सकते हैं.


. अगर पहली डिलीवरी सी सेक्शन से हुई है, तो अगली करो वस्था में भी c-area होने की आशंका बढ़ सकती है.


 नॉर्मल डिलीवरी के टिप्स


 सी सेक्शन के मुकाबले नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला की रिकवरी तेज होती है। साथ ही अस्पताल से जल्दी डिस्चार्ज कर दिया जाता है. इसके अलावा शिशु वाह स्वास्थ्य भी ठीक रहता है, ऐसे में नॉर्मल डिलीवरी होने की टिप्स कुछ इस प्रकार हैं-


. डॉक्टर की सलाह पर हल्के-फुल्के व्यायाम करें टहलने जाएं


. अपनी नींद पूरी करें.


.  तनाव से अपने आप को दूर रखें.


. हमेशा सकारात्मक सोच


. पोषक तत्वों से युक्त सही डाइट लें और अपने आपको डरा हाइड्रेट रखे I


 सारांश


 उम्मीद है कि इन लक्षणों को पढ़कर गर्भवती महिला को यह समझने में आसानी होगी कि उसकी डिलीवरी नॉरमल होगी या सी सेक्शन. यह इस पर भी निर्भर करता है कि महिला गर्भावस्था के दौरान अपना ध्यान किस प्रकार रखती है. स्वस्थ जीवन जीने खुश रहने सभी पोषक तत्व लेने और नियमित रूप से चेकअप करवाने से नॉर्मल डिलीवरी संभावना को बढ़ाया जा सकता है.

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