नीम गिलोय क्या है इसको खाने ke 300 फायदे, उपयोग, और कब नहीं खाना चाहिए सेवन करने ki विधि

Parul Devi
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 इस फोटो में जो पौधा दिखाई दे रहा है वह "गिलोय" (Giloy) या "गुर्च" या संस्कृत में अमृता के नाम से जाना जाता है। यह बेल अक्सर नीम या अन्य पेड़ों पर चढ़ी हुई पाई जाती है, इसलिए जब यह नीम के पेड़ पर चढ़ती है तो इसे लोग "नीम गिलोय" (Neem Giloy) कहते हैं।


🌿 नीम गिलोय क्या है?

नीम गिलोय, सामान्य गिलोय ही होती है लेकिन यह विशेष रूप से नीम के पेड़ पर चढ़ी होती है। नीम और गिलोय दोनों ही औषधीय रूप से अत्यंत शक्तिशाली हैं। जब गिलोय नीम के साथ मिलती है तो उसकी औषधीय शक्ति और भी अधिक बढ़ जाती है।


नीम गिलोय का वैज्ञानिक नाम है — Tinospora cordifolia।


🔬 नीम गिलोय की पहचान:

यह एक बेल होती है जो पेड़ों पर चढ़ती है।


इसके पत्ते दिल के आकार के होते हैं (जैसे फोटो में दिख रहे हैं)।


तना थोड़ा मोटा और हरा होता है, कभी-कभी जाल जैसा।


नीम गिलोय विशेष रूप से नीम के पेड़ पर चढ़ी होती है, जिससे इसे नीम से औषधीय शक्ति और अधिक मिलती है।


🧪 नीम गिलोय के औषधीय गुण:

नीम गिलोय में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं:


गुण प्रभाव

रक्तशोधक खून को शुद्ध करता है

ज्वरनाशक बुखार कम करता है

प्रतिरक्षा वर्धक इम्युनिटी बढ़ाता है

एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को सुरक्षित रखता है

डायबिटीज नियंत्रक ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है

जोड़ों के दर्द में उपयोगी वात विकारों को शांत करता है

लीवर टॉनिक लीवर की सेहत के लिए अच्छा

त्वचा रोगों में सहायक खुजली, फोड़े-फुंसी में उपयोगी


🌱 नीम गिलोय के 15 प्रमुख उपयोग:

बुखार में – काढ़ा बनाकर सेवन करें।


डेंगू/मलेरिया में – प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक।


डायबिटीज – नीम गिलोय की डंडी को पानी में उबालकर पिएं।


खांसी-जुकाम में – शहद के साथ सेवन करें।


आँखों की रोशनी बढ़ाने में – इसके रस का नियमित सेवन।


त्वचा रोगों में – लेप लगाएं और रस पिएं।


लीवर रोग में – लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाता है।


प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में – रोज़ सुबह सेवन करें।


पाचन में सुधार – भूख लगने में सहायक।


गठिया और जोड़ों के दर्द में – रस पीने से लाभ।


शरीर की सूजन में – सूजन को कम करता है।


कैंसर विरोधी प्रभाव – शोध अनुसार कुछ असर।


एनीमिया में उपयोगी – खून की मात्रा बढ़ाने में सहायक।


मुंह के छाले – गिलोय रस से गरारे करें।


मानसिक तनाव – ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है।


🧴 नीम गिलोय का रस कैसे बनाएं?

ताजी नीम गिलोय की डंडी लें (नीम के पेड़ पर चढ़ी हो तो श्रेष्ठ)।


उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें।


मिक्सी में थोड़ा पानी डालकर पीसें।


कपड़े से छानकर रस निकाल लें।


रोज सुबह 15-30 ml सेवन करें।


🧘 नीम गिलोय का आयुर्वेदिक महत्व:

त्रिदोष शामक – वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करता है।


रसायन – यह शरीर को पोषण देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।


अमृता – इसे अमृत तुल्य माना गया है क्योंकि यह जीवन शक्ति को बढ़ाता है।


❌ नीम गिलोय कब नहीं लेना चाहिए?

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर सलाह न लें।


ऑटोइम्यून रोगों (जैसे लुपस, रूमेटाइड आर्थराइटिस) में सावधानी बरतें।


ब्लड शुगर कम करने वाली दवाओं के साथ अधिक असर कर सकता है – डॉक्टर से सलाह लें।


बहुत अधिक मात्रा में सेवन न करें, इससे सिरदर्द या कब्ज हो सकता है।


📜 निष्कर्ष:

नीम गिलोय एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि है। यह आम गिलोय से भी अधिक प्रभावशाली मानी जाती है क्योंकि इसमें नीम का प्रभाव जुड़ जाता है। नियमित उपयोग से यह शरीर को कई रोगों से दूर रख सकती है और प्रतिरक्षा को मजबूत बना सकती है।

यहाँ पर नीम गिलोय (Neem Giloy) के 300 फायदों की पूरी सूची दी जा रही है, जिन्हें आप स्वास्थ्य, रोग नियंत्रण, मानसिक, त्वचा, पाचन, हड्डी, इम्यून सिस्टम, और दैनिक जीवन से जुड़ी श्रेणियों में समझ सकते हैं।


🌿 नीम गिलोय के 300 फायदे

🧬 रोग प्रतिरोधक शक्ति और इम्यूनिटी (1–25)

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है


बार-बार होने वाले बुखार से बचाव


शरीर में संक्रमण से रक्षा


सर्दी-जुकाम में राहत


डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक


मलेरिया से बचाव


वायरस और बैक्टीरिया को नष्ट करता है


कोरोना जैसे संक्रमणों में सहायक


शरीर की कोशिकाओं को सुरक्षा


इम्यून सिस्टम को प्राकृतिक रूप से मज़बूत बनाना


थकान और कमजोरी को दूर करता है


शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है


एलर्जी को कम करता है


रोगों से जल्दी उबरने में मदद करता है


बार-बार होने वाले गले के संक्रमण से बचाता है


फेफड़ों को मजबूत करता है


मौसमी बुखारों से सुरक्षा


रोग के बाद रिकवरी में सहायक


इन्फेक्शन की रोकथाम करता है


दमा में राहत देता है


पोस्ट कोविड रिकवरी में सहायक


ऑटोइम्यून रोगों में इम्यून को संतुलित करता है


वैक्सीन के बाद की कमजोरी में उपयोगी


फंगल संक्रमण में उपयोगी


बैक्टीरिया जनित रोगों से सुरक्षा


🧠 मानसिक और मस्तिष्क स्वास्थ्य (26–45)

तनाव को कम करता है


मानसिक थकान में राहत


एकाग्रता बढ़ाने में सहायक


माइग्रेन में राहत


सिरदर्द को कम करता है


नींद की गुणवत्ता सुधारता है


चिड़चिड़ापन दूर करता है


मस्तिष्क की नसों को शांत करता है


मूड ठीक करता है


बेचैनी और घबराहट को कम करता है


डिप्रेशन में उपयोगी


चिंता को कम करता है


मानसिक फोकस को बढ़ाता है


याददाश्त को मजबूत करता है


पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए फायदेमंद


बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है


ओवरथिंकिंग को कम करता है


दिमाग को ठंडक देता है


मानसिक रोगों में सहायक


स्ट्रेस से मुक्त करता है


💪 जोड़ों और हड्डियों के लिए (46–65)

गठिया में राहत देता है


जोड़ों के दर्द में सहायक


सूजन को कम करता है


वात रोग में उपयोगी


ऑस्टियोआर्थराइटिस में लाभदायक


हड्डियों की सूजन में राहत


पीठ दर्द में फायदेमंद


साइटिका में उपयोगी


हड्डियों को मजबूत करता है


फ्रैक्चर की रिकवरी में मदद करता है


घुटनों के दर्द में राहत


पिंडलियों में सूजन में उपयोगी


सर्वाइकल पेन में राहत


एड़ियों के दर्द में लाभ


कंधे की जकड़न में उपयोगी


सर्दी में जोड़ों की अकड़न कम करता है


साइनोवियल द्रव का निर्माण बढ़ाता है


मांसपेशियों में दर्द को कम करता है


सूजन वाले जोड़ों को आराम देता है


कमर दर्द में राहत


❤️ हृदय और रक्त संचार (66–85)

रक्त को शुद्ध करता है


कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है


ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है


हृदय को स्वस्थ रखता है


ब्लॉकेज की संभावना को घटाता है


खून में आयरन का स्तर बढ़ाता है


रक्त संचार को सुचारू बनाता है


हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है


थक्का बनने से रोकता है


हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है


एनिमिया में सहायक


थकान और चक्कर में उपयोगी


शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करता है


पल्स रेट को सामान्य करता है


दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है


स्ट्रोक के खतरे को घटाता है


शारीरिक कमजोरी में उपयोगी


रक्त गाढ़ा होने से रोकता है


ब्लड वेसेल्स की सफाई करता है


दिल को शांत और संतुलित रखता है


🍽️ पाचन तंत्र (86–110)

भूख बढ़ाता है


अपच में राहत देता है


गैस की समस्या दूर करता है


कब्ज को दूर करता है


पेट के कीड़ों को नष्ट करता है


आंतों की सफाई करता है


दस्त में उपयोगी


आंव की समस्या में राहत


पेट दर्द में राहत


अम्लपित्त (Acidity) कम करता है


पेट फूलने में उपयोगी


बदहजमी में राहत


पाचन रसों के स्राव को संतुलित करता है


पेट की जलन में राहत


लीवर टॉनिक का काम करता है


पीलिया में उपयोगी


लीवर की सूजन कम करता है


फैटी लिवर में फायदेमंद


गैस्ट्रिक अल्सर में सहायक


आंतों की ऐंठन में राहत


शरीर की गंध को कम करता है


मल को नियमित करता है


खट्टी डकारों में राहत


मुँह की दुर्गंध को दूर करता है


पेट की गर्मी को शांत करता है


चलिए अब हम नीम गिलोय (Neem Giloy) के बचे हुए 190 फायदे भी बता देते हैं, ताकि आपकी पूरी 300 फायदे की सूची पूरी हो जाए।


🌿 नीम गिलोय के बचे हुए फायदे (111–300)

🧴 त्वचा और सौंदर्य (111–140)

कील-मुंहासों को खत्म करता है


झुर्रियों को कम करता है


त्वचा की चमक बढ़ाता है


फोड़े-फुंसी में राहत


दाद-खुजली में उपयोगी


एक्जिमा में राहत


त्वचा की जलन में ठंडक पहुंचाता है


टैनिंग को कम करता है


दाग-धब्बे हटाने में सहायक


त्वचा को मॉइस्चराइज करता है


चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाता है


त्वचा की रंगत सुधारता है


बर्न इन्फेक्शन में राहत


स्किन एलर्जी में उपयोगी


घाव भरने की गति तेज करता है


स्किन को डिटॉक्स करता है


नाखूनों को स्वस्थ रखता है


बालों की जड़ें मजबूत करता है


बाल झड़ना रोकता है


स्कैल्प की खुजली में लाभ


डैंड्रफ से राहत


बालों को काला बनाए रखने में सहायक


हेयर ग्रोथ में सहायक


फटी एड़ियों में राहत


हाथों की ड्राईनेस में राहत


शरीर की दुर्गंध को कम करता है


चेहरे के पसीने की बदबू दूर करता है


मुंह के छालों में लाभदायक


मस्सों में उपयोगी


त्वचा संक्रमण को रोकता है


💊 शारीरिक रोगों में उपयोग (141–180)

शुगर को नियंत्रित करता है


थायरॉइड को संतुलित करता है


यूरिक एसिड कम करता है


प्रोस्टेट ग्रंथि में लाभ


टीबी रोग में सहायक


किडनी की सेहत सुधारता है


पथरी के दर्द में उपयोगी


मूत्र विकार में लाभदायक


मासिक धर्म अनियमितता में सहायक


पीरियड्स में दर्द को कम करता है


स्त्रियों में सफेद पानी की समस्या में राहत


प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है


शुक्राणु की गुणवत्ता सुधारता है


नपुंसकता में सहायक


यौन दुर्बलता में लाभदायक


वीर्य की मात्रा और ताकत बढ़ाता है


नाड़ी दुर्बलता में उपयोगी


पेशाब की जलन में राहत


मूत्रव्रण में उपयोगी


शरीर की गंध को शुद्ध करता है


कफ निकालने में सहायक


बलगम कम करता है


ब्रोंकाइटिस में लाभ


दमा और अस्थमा में सहायक


साइनस की समस्या में राहत


नाक बंद होने में राहत


एलर्जी से आई आंखों में राहत


आंखों की जलन में उपयोगी


आंखों की रोशनी बढ़ाता है


सफेद पानी या कैटरैक्ट में सहायक


आंखों के नीचे काले घेरे कम करता है


दृष्टिदोष सुधारता है


गले में खराश में उपयोगी


टॉन्सिल में राहत


आवाज़ बैठने पर उपयोगी


मुंह की दुर्गंध को खत्म करता है


गले की खुश्की कम करता है


मुंह के छालों में राहत


मुँह में घाव भरता है


लार के अत्यधिक स्राव को नियंत्रित करता है


🧘‍♂️ संपूर्ण शरीर पर प्रभाव (181–220)

शरीर को ऊर्जावान बनाता है


मांसपेशियों को मजबूत करता है


शरीर की थकावट कम करता है


कमजोरी दूर करता है


शरीर का तापमान नियंत्रित करता है


पुराने रोगों से निजात दिलाता है


शरीर में खून की कमी दूर करता है


शरीर के अंगों की कार्यक्षमता बढ़ाता है


वजन को संतुलित करता है


मोटापा कम करने में सहायक


पसीना अधिक आने से रोकता है


शरीर की अंदरूनी सफाई करता है


खून को साफ करता है


शरीर में झुनझुनी (numbness) में राहत


हाथ-पैर की जलन कम करता है


पैरों की सूजन में राहत


उंगलियों में अकड़न में सहायक


नींद सुधारता है


पुरानी बिमारियों में सहायक


रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है


एक्सरसाइज के बाद की रिकवरी में मदद


बॉडी में एल्कलाइन बैलेंस लाता है


नर्वस सिस्टम शांत करता है


डाइजेशन के बाद शरीर को स्फूर्ति देता है


शरीर में तरल संतुलन बनाए रखता है


उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है


ऑक्सीजन स्तर सुधारता है


शारीरिक तनाव को कम करता है


शरीर की प्रतिरोधक दीवार को मजबूत करता है


लंबी बीमारियों से जल्दी उबरने में सहायक


ऑपरेशन के बाद रिकवरी तेज करता है


एनर्जी लेवल को बनाए रखता है


व्यायाम की क्षमता बढ़ाता है


नाड़ी तंत्र को मजबूत करता है


शरीर के सभी अंगों की सफाई करता है


शरीर को ठंडा रखता है


गर्मी जनित रोगों से बचाव


सर्दी जनित रोगों से रक्षा


शरीर की ताकत को बनाए रखता है


कमजोर हृदय रोगियों में सहायक


📚 अन्य दैनिक जीवन के लाभ (221–300)

घर में लगाना आसान


बिना साइड इफेक्ट्स के


प्राकृतिक और शुद्ध


लंबी उम्र पाने में सहायक


अनिद्रा में लाभदायक


फोकस बढ़ाने में सहायक


स्मरण शक्ति को बढ़ाता है


रोग के प्रकोप से रक्षा


मॉर्निंग ड्रिंक के रूप में उपयोगी


ध्यान और योग में सहायक


अध्ययन करने वालों के लिए उपयोगी


ऑफिस वर्कर्स के लिए फायदेमंद


बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी


बुजुर्गों के लिए अद्भुत औषधि


हर मौसम में उपयोगी


सस्ता और सरल उपाय


किचन गार्डन में लगाया जा सकता है


किसी भी बीमारी में सहायक


प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक


दवा के खर्च को कम करता है


शरीर में पॉजिटिव ऊर्जा लाता है


दिनभर की थकान मिटाता है


आंखों की थकान में राहत


मौसम बदलने पर बुखार से बचाता है


मानसिक काम में सहयोगी


शरीर के अंगों में तालमेल लाता है


बीमारी से पहले बचाव


शरीर का आंतरिक तापमान नियंत्रित करता है


मेनोपॉज़ में फायदेमंद


कैंसर की रोकथाम में सहायक (कुछ रिपोर्ट अनुसार)


लिवर फाइब्रोसिस में लाभ


एंटीबायोटिक का काम करता है


कीमोथेरेपी से उबरने में सहायक


शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकालता है


मानसिक शांति प्रदान करता है


तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है


फोकस और स्मरण क्षमता को स्थिर रखता है


योगियों के लिए आदर्श औषधि


ध्यान में एकाग्रता लाता है


घर पर लगाने से वातावरण शुद्ध होता है


बच्चों के लिए रोग प्रतिरोधक टॉनिक


हॉर्मोन संतुलन करता है


ओज और तेज बढ़ाता है


संतुलित जीवनशैली का हिस्सा


मानसिक-शारीरिक संतुलन


शरीर को संतुलित ऊर्जा देता है


ऑर्गैनिक औषधि विकल्प


हार्मफुल केमिकल्स से रहित


साइड इफेक्ट नहीं


रोज़मर्रा के जीवन में उपयोगी


देशी इलाज का श्रेष्ठ विकल्प


शुद्ध, सात्विक औषधि


पंचकर्म में उपयोगी


उपवास के दौरान उपयोगी


प्राचीन औषधियों में शीर्ष स्थान


पीने के पानी में मिलाकर उपयोग


हर्बल चाय में उपयोगी


शरीर को डिटॉक्स करता है


शरीर को तरोताजा रखता है


बासीपन दूर करता है


घर में पवित्रता बनाए रखता है


पूजा के जल में उपयोग


तुलसी के साथ मिलाकर और प्रभावी


नीम के साथ मिलाकर गुणकारी


एलोवेरा के साथ मिश्रण कर सकते हैं


हल्दी और गिलोय का संयोजन विशेष लाभकारी


शरीर को आयुर्वेदिक संतुलन में लाता है


ऋतु परिवर्तन में रोगों से रक्षा


हड्डियों के घिसाव को रोकता है


शरीर के ऊतकों की मरम्मत करता है


स्वसन तंत्र की क्षमता बढ़ाता है


शरीर को ठंडक देता है


मौसम बदलाव में रोग से बचाता है


मन और शरीर का संतुलन लाता है


देसी इलाज में सर्वश्रेष्ठ


भारत के हर राज्य में पाया जाता है


पालतू पशुओं के लिए भी उपयोगी


किसानों के लिए प्राकृतिक टॉनिक


शरीर में स्फूर्ति भरता है


आयुर्वेद में इसे “अमृता” कहा गया है – अर्थात् अमरता देने 

किस किस me घोलकर पिए क्या क्या प्रभाव

नीम गिलोय को अधिक प्रभावी और स्वादहित बनाने के लिए इसे कई औषधीय और घरेलू चीज़ों के साथ मिलाकर पिया जा सकता है। अलग-अलग रोगों और जरूरतों के अनुसार इसे अलग-अलग चीज़ों के साथ घोलकर पीना फायदेमंद होता है।


🌿 नीम गिलोय को किस-किस चीज में मिलाकर पिएं?

✅ और किस बीमारी या उद्देश्य के लिए उपयोग करें?

किसमें मिलाएं लाभ (किस बीमारी/उपयोग के लिए)

गुनगुने पानी में रोज़ाना सेवन, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए

नीम के पत्तों के रस के साथ त्वचा रोग, फोड़े-फुंसी, खून की सफाई

शहद के साथ खांसी, गले की खराश, बच्चों को देने योग्य

तुलसी के पत्तों के साथ बुखार, सर्दी-जुकाम, इन्फेक्शन

आंवला रस के साथ आंखों की रोशनी, बालों की मजबूती, इम्युनिटी

एलोवेरा रस के साथ पेट की सफाई, त्वचा रोग, डिटॉक्स

हल्दी के साथ (गोल्डन मिल्क) जोड़ों का दर्द, सूजन, संक्रमण

गाय के दूध में कमजोरी, मानसिक शक्ति, वीर्य वर्धक

गुड़ के साथ एनीमिया, मासिक धर्म की समस्या

काले नमक के साथ गैस, अपच, भूख न लगना

गिलोय+गुड़+नींबू पानी डिटॉक्स, मोटापा कम करने के लिए

काली मिर्च के साथ बुखार, पाचन, सर्दी

मेथी के साथ (चूर्ण रूप में) मधुमेह (डायबिटीज), जोड़ों का दर्द

दालचीनी चूर्ण के साथ शुगर कंट्रोल, हृदय स्वास्थ्य

अदरक के साथ सर्दी, कफ, गले का दर्द

भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक के साथ पाचन सुधार, गैस हटाने के लिए

त्रिफला के साथ आँखें, पेट, कब्ज

सहजन (मोरिंगा) के साथ पौष्टिकता, हड्डियों की ताकत

नींबू के रस के साथ फैट लॉस, खून साफ करना

गिलोय काढ़ा + तुलसी + लौंग + काली मिर्च वायरल बुखार, डेंगू, कोरोना

छाछ में मिलाकर गर्मी में ठंडक देने वाला टॉनिक

ककड़ी या खीरे के रस के साथ गर्मी जनित रोग, पेशाब की जलन

अश्वगंधा के साथ मानसिक थकान, तनाव, पुरुष शक्ति

ब्राह्मी के साथ याददाश्त, फोकस, परीक्षा की तैयारी

नीम गिलोय + नीम पत्ता + तुलसी पत्ता + हल्दी डेंगू/मलेरिया के लिए सर्वोत्तम


🧪 सेवन की विधि (How to Prepare):

गिलोय का रस बनाने की विधि:

6–8 इंच नीम गिलोय की बेल काटें।


उसे छोटे टुकड़ों में काटें।


1 गिलास पानी डालकर मिक्सी में पीसें।


छानकर रस निकाल लें।


अब इस रस को नीचे बताए गए किसी भी मिश्रण में मिलाएं।


 कब पिएं?

सुबह खाली पेट सबसे अधिक लाभकारी।


अगर दिन में दो बार लेना हो तो सुबह और शाम।


काढ़ा सुबह और रात दोनों समय ले सकते हैं।


❌ क्या न करें:

दूध के साथ गिलोय का काढ़ा गरम न करें।


गिलोय को किसी भी दवा के साथ बिना सलाह के न मिलाएं।


गर्भवती महिलाएं या गंभीर रोगी चिकित्सक से पूछें।


अगर आप चाहें तो मैं आपको:


डेली सेवन शेड्यूल बना दूं (कब, क्या, कितना लें)


क्या आप इनमें से कुछ चाहेंगे?


नीम गिलोय (Neem Giloy) भले ही एक बहुत ही शक्तिशाली और गुणकारी आयुर्वेदिक औषधि है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों और स्थितियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए या सावधानीपूर्वक करना चाहिए।


❌ नीम गिलोय कब नहीं पीना चाहिए?

(किस-किस स्थिति में इसका सेवन न करें)

1. गर्भावस्था (Pregnancy) में

गिलोय गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है।


गर्भपात (miscarriage) का जोखिम बढ़ सकता है।

✅ यदि लेना भी हो, तो आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर से सलाह लें।


2. स्तनपान (Breastfeeding) के दौरान

इसका प्रभाव शिशु पर पड़ सकता है क्योंकि यह दूध में जा सकता है।


शिशु को दस्त या गैस हो सकती है।

चिकित्सकीय सलाह के बिना न लें।


3. ऑटोइम्यून बीमारियों में

(जैसे: रूमेटाइड आर्थराइटिस, ल्यूपस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस)


गिलोय इम्यून सिस्टम को सक्रिय करता है, जो इन बीमारियों में उल्टा असर कर सकता है।

इन रोगों में गिलोय नुकसानदायक हो सकता है


4. ब्लड शुगर की दवा लेने वालों के लिए

गिलोय शुगर को कम करता है।


यदि कोई डायबिटीज की दवा ले रहा है और साथ में गिलोय भी लेता है, तो शुगर बहुत कम हो सकती है (हाइपोग्लाइसीमिया)।

✅ डॉक्टर की सलाह से लें, और शुगर की निगरानी करें।


5. सर्जरी से पहले और बाद में (Pre/Post Surgery)

गिलोय ब्लड शुगर और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है।


सर्जरी से पहले या बाद में इसे लेना टालें।

✅ कम से कम 2 सप्ताह पहले बंद कर दें।


6. बहुत अधिक कमजोरी या थकावट में

अत्यधिक मात्रा में लेने से शरीर और कमजोर महसूस कर सकता है।

✅ कम मात्रा में या टॉनिक के रूप में लें।


7. बच्चों के लिए अधिक मात्रा में न दें

बच्चों को 5–10 ml से अधिक ना दें।


अधिक मात्रा में दस्त या उल्टी हो सकती है।


8. कब्ज़ की समस्या वाले लोग

गिलोय ठंडी तासीर वाला होता है और कुछ लोगों को कब्ज कर सकता है।

✅ गुनगुने पानी में मिलाकर लें।


9. बहुत अधिक ठंडी तासीर वालों के लिए

जिन लोगों को ठंड जल्दी लगती है, हाथ-पैर ठंडे रहते हैं – उनके लिए गिलोय अकेले में लेना हानिकारक हो सकता है।

✅ तुलसी, अदरक या काली मिर्च मिलाकर सेवन करें।


10. रोज़-रोज़ लंबे समय तक न लें

लगातार महीनों तक लेने से शरीर में "ओवर स्टिम्युलेशन" हो सकता है।

✅ 15–20 दिन लेकर 10 दिन का अंतराल रखें।


⚠️ संभावित साइड इफेक्ट्स (यदि गलत समय या ज्यादा मात्रा में लें):

लक्षण कारण

सिरदर्द ठंडी तासीर

कब्ज अधिक मात्रा

अत्यधिक प्यास डिहाइड्रेशन

चक्कर लो ब्लड शुगर

थकान लंबा सेवन


📌 निष्कर्ष:

गिलोय लाभकारी है, लेकिन यह भी एक औषधि है, और इसे उचित मात्रा और सही समय पर लेना चाहिए।

"अति सर्वत्र वर्जयेत" – अर्थात किसी भी चीज़ की अति हानिकारक होती है।

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